
REET Syllabus 2025 : रीट सिलेबस जारी, अभी देखें :-
Reet syllabus 2025 : किसी भी परीक्षा की तैयारी शुरू करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है – उस परीक्षा का सिलेबस। बिना सिलेबस किसी परीक्षा की तैयारी करना एक पतवार विहीन नौका पर बैठकर सवारी करने जैसा होता है । जिसका न कोई उद्देश्य और न ही कोई दिशा होती है। ठीक उसी प्रकार किसी पेपर के लिए पाठ्यक्रम ( सिलेबस) के बिना अंधेरे में तीर चलाने जैसी बात होती है। इसलिए किसी भी पेपर की तैयारी के लिए सिलेबस सबसे महत्वपूर्ण चीज है।
Reet syllabus 2025 : राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण सूचना है। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान , अजमेर (RBSE) ने राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) 2025 के लिए लेवल-1 और लेवल -2 का सिलेबस ( reet syllabus 2025 ) जारी कर दिया है। यह सिलेबस प्राथमिक (कक्षा- 1 से 5) और उच्च प्राथमिक (कक्षा – 6 से 8) स्तर के शिक्षकों की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा की तैयारी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अगर आप REET 2025 में शामिल होने की योजना बना रहे हैं, तो इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें और अपनी तैयारी को सुदृढ़ बनाएं।

Reet syllabus 2025 : राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (REET) में कुल 150 प्रश्न पूछे जाते हैं और प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का होता है। इस प्रकार कुल 150 अंकों का पेपर होता है। रीट परीक्षा को पास करने के लिए सामान्य श्रेणी के लिए150 अंकों में से 90 अंक (60%) हासिल करने होते हैं वहीं अन्य श्रेणियों के लिए 5 प्रतिशत अंकों की छूट का प्रावधान है। यानि अन्य श्रेणियों के लिए रीट परीक्षा पास करने के लिए 82.5 अंक (55%) की जरूरत होती है।
Reet Syllabus 2025 : रीट लेवल -1 परीक्षा पैटर्न :
- बाल विकास और शिक्षण विधियां : 30 प्रश्न : 30 अंक
- भाषा प्रथम : 30 प्रश्न : 30 अंक
- भाषा द्वितीय : 30 प्रश्न : 30 अंक
- गणित शिक्षण : 30 प्रश्न : 30 अंक
- पर्यावरण अध्ययन : 30 प्रश्न : 30 अंक
-
कुल प्रश्न : 150 कुल अंक : 150
Reet syllabus 2025 : नोट :- रीट परीक्षा में भाषा प्रथम और भाषा द्वितीय के रूप में प्रत्येक के लिए हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत , उर्दू, पंजाबी, सिंधी एवं गुजराती में से किसी एक भाषा का चयन करना होता है।
REET Syllabus 2025 :
खंड (1) : बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ :-
- बाल विकास :- वृद्धि एवं विकास की संकल्पना ,विकास के विभिन्न आयाम एवं सिद्धांत , विकास को प्रभावित करने वाले कारक ( विशेष रूप से परिवार एवं विद्यालय के संदर्भ में) एवं अधिगम से उनका संबंध। वंशानुक्रम एवं वातावरण की भूमिका
- व्यक्तिगत विभिन्नताएं :- अर्थ, प्रकार एवं व्यक्तिगत विभिन्नताओं को प्रभावित करने वाले कारक।
- व्यक्तित्व :- संकल्पना ,प्रकार व व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले कारक। व्यक्तित्व का मापन।
- बुद्धि :- संकल्पना, सिद्धांत एवं इसका मापन बहुबुद्धि सिद्धांत एवं इसके निहितार्थ।
- : विविध अधिगमकर्ताओं की समझ : पिछड़े, विमंदित,प्रतिभाशाली, सृजनशील, अलाभान्वित- वंचित, विशेष आवश्यकता वाले बच्चे एवं अधिगम अक्षमता युक्त बच्चे। अधिगम में आने वाली कठिनाइयां ।
- : समायोजन की संकल्पना एवं तरीके, समायोजन में अध्यापक की भूमिका ।
- : अधिगम का अर्थ एवं संकल्पना। अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक। अधिगम के सिद्धांत एवं इसके निहितार्थ।
- Reet syllabus 2025 : बच्चे सीखते कैसे हैं ? अधिगम की प्रक्रियाएं । चिंतन, कल्पना एवं तर्क।
- : अभिप्रेरणा व इसके अधिगम के लिए निहितार्थ।
- : शिक्षण अधिगम की प्रक्रियाएं ,राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा – 2005 के संदर्भ में शिक्षण अधिगम की व्यूह रचना एवं विधियां।
- : आकलन मापन एवं मूल्यांकन का अर्थ एवं उद्देश्य, समग्र एवं सतत् मूल्यांकन,उपलब्धि परीक्षण का निर्माण। सीखने के प्रतिफल ।
- : क्रियात्मक अनुसंधान
- : शिक्षा का अधिकार अधिनियम -2009 , अध्यापकों की भूमिका एवं दायित्व ।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ( NEP 2020 ) :
- प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा ।
- बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान।
- स्कूलों में पाठ्यक्रम एवं शिक्षण शास्त्र
- शिक्षक
- समतामूलक एवं समावेशी शिक्षा
- स्कूल शिक्षा के लिए मानक निर्धारण एवं प्रत्यापन ।
- : राजस्थान की समसामयिक बाल कल्याणकारी शैक्षिक योजनाएं ।
Reet Syllabus 2025 : खंड (2) भाषा प्रथम – हिंदी :
(हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत , उर्दू, पंजाबी, सिंधी एवं गुजराती में कोई एक )
Reet Syllabus 2025 : Hindi
: एक अपठित गद्यांश में से निम्नलिखित व्याकरण संबंधी प्रश्न :
- पर्यायवाची, विलोम ,वाक्यांशों के लिए एक शब्द, शब्दार्थ, शब्द -शुद्धि । उपसर्ग, प्रत्यय,संधि और समास। संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, अव्यय ।
: एक अपठित गद्यांश में से निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रश्न:
- रेखांकित शब्दों का अर्थ स्पष्ट करना ,वचन, काल ,लिंग ज्ञात करना । वचन, काल और लिंग बदलना ।
: वाक्य रचना, वाक्य के अंग, वाक्य के प्रकार ,पदबंध, मुहावरे और लोकोक्तियां विराम चिह्न ।
- : भाषा की शिक्षण विधि ,भाषा शिक्षण के उपागम ,भाषा दक्षता का विकास।
- : भाषायी कौशलों का विकास ( सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना ) हिंदी भाषा शिक्षण में चुनौतियां, शिक्षण अधिगम सामग्री, पाठ पुस्तक , बहु – माध्यम एवं शिक्षण के अन्य संसाधन ।
- : भाषा शिक्षण में मूल्यांकन, उपलब्धि परीक्षण का निर्माण, समग्र एवं सतत् मूल्यांकन, उपचारात्मक शिक्षण ।
- : राजस्थानी भाषा एवं बोलियों का सामान्य परिचय ।
Reet Syllabus 2025 : खण्ड ( 3 ) : English :
( हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत , उर्दू, पंजाबी, सिंधी एवं गुजराती में से कोई एक )
(Reet Syllabus 2025 : English Language 2 )
- Unseen Prose Passages : Linking Devises, Subject -verb Concord, Inferences
- Unseen Poem : Identification of Alliteration,Simile, Metaphor, Personification,Assonance, Rhyme
- Modal Auxiliaries, Common Idioms and Phrases, Literary Terms Elegy, Sonnet, Short Story , Drama
- Basic Knowledge of English Sounds and symbols.
- Principal’s of Teaching English, Communicative Approach to English Language, Teaching, Challanges of Teaching English : Difficulties in Learning English ( role of home language, multilingualism)
- Methods of Evaluation, Remedial Teaching
Note :- reet syllabus 2025 में हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत , उर्दू, पंजाबी, सिंधी एवं गुजराती में से किसी एक भाषा को भाषा प्रथम के रूप में तथा इन्हीं भाषाओं में से किसी एक भाषा की भाषा द्वितीय के रूप में चुनना होता है लेकिन हम यह सभी भाषाओं का सिलेबस नहीं लिख रहे । अधिक जानकारी के लिए बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट http://reet2024.co.in विजिट करें ।
Reet syllabus 2025 : खंड ( 4 ) : गणित :- कुल प्रश्न 30 , कुल अंक : 30
- : एक करोड़ तक की पूर्ण संख्याएं, स्थानीय मान, तुलना, गणितीय मूल संक्रियाएं – जोड़, बाकी, गुणा, भाग ; भारतीय मुद्रा, वैदिक गणित ।
- : भिन्न की अवधारणा, उचित भिन्नें, समान हर वाली उचित भिन्नों की तुलना, मिश्र भिन्न, असमान हर वाली उचित भिन्नों की तुलना, भिन्नों की जोड़ – बाकी, अभाज्य एवं संयुक्त संख्याएं, अभाज्य गुणनखंड, लघुत्तम समापवर्त्य, महत्तम समापवर्तक ।
- : एकिक नियम, औसत, लाभ – हानि, सरल ब्याज ।
- : समतल व वक्रतल, समतल व ठोस ज्यामितीय आकृतियां, समतल ज्यामितीय आकृतियों की विशेषताएं, बिंदु, रेखा, किरण, रेखा खण्ड, कोण एवं उनके प्रकार ।
- Reet syllabus 2025 : लंबाई, भार , धारिता, समय, क्षेत्र मापन एवं इसकी मापन इकाईयां एवं उनमें संबंध ।
- : वर्गाकार तथा आयताकार वस्तुओं के पृष्ठ तल का क्षेत्रफल एवं परिमाप ।
- : गणित की प्रकृति एवं तर्क शक्ति, पाठ्यक्रम में गणित की महत्ता, गणित की भाषा, सामुदायिक गणित, आंकड़ों का प्रबंधन ।
- : औपचारिक एवं अनौपचारिक विधियों द्वारा मूल्यांकन , शिक्षण की समस्याएं , त्रुटि विश्लेषण एवं शिक्षण एवं अधिगम से संबंधित निदानात्मक एवं उपचारात्मक शिक्षण ।
Reet syllabus 2025 : खण्ड – ( 5 ) : पर्यावरण अध्ययन : –
- : परिवार : आपसी संबंध , एकल एवं संयुक्त परिवार, सामाजिक बुराइयां ( बाल विवाह, दहेज प्रथा, बालश्रम, चोरी ) दुर्व्यसन ( नशाखोरी, धूम्रपान ) और इसके व्यक्तिगत, सामाजिक और आर्थिक दुष्परिणाम ।
- : वस्त्र एवं आवास : विभिन्न ऋतुओं में पहने जाने वाले वस्त्र, घर पर वस्त्रों का रख- रखाव, हस्त करघा तथा पावरलूम, जीव जंतुओं के आवास, विभिन्न प्रकार के मानव – आवास, आवास और निकटवर्ती स्थानों की स्वच्छता, आवास निर्माण हेतु विभिन्न प्रकार की सामग्री ।
- : व्यवसाय : अपने परिवेश के व्यवसाय ( कपड़े सिलना, बागवानी, कृषि कार्य, पशुपालन, सब्जीवाला आदि ) लघु एवं कुटीर उद्योग, राजस्थान राज्य के प्रमुख उद्योग एवं हस्तकलाएं, उपभोक्ता संरक्षण की आवश्यकता, सहकारी समितियां।
- : हमारी सभ्यता, संस्कृति : राष्ट्रीय प्रतीक, राष्ट्रीय पर्व, राजस्थान के मेले एवं त्योहार ,राजस्थान की वेशभूषा एवं आभूषण, राजस्थान का खान पान, राजस्थान की वास्तुकला, राजस्थान के पर्यटन स्थल, राजस्थान की प्रमुख विभूतियां एवं गौरव, राजस्थान की विरासत ( प्रमुख दुर्ग, महल, स्मारक ) राजस्थान की चित्रकला, राजस्थान की लोकोक्तियां , राजस्थान के लोकदेवता ।
- : राजस्थान का सामान्य जान
- : परिवहन और संचार : यातायात और संचार के साधन, सड़क पर चलने और यातायात के नियम, यातायत के संकेत, संचार साधनों का जीवन शैली पर प्रभाव ।
- Reet syllabus 2025 : अपने शरीर की देखभाल : शरीर के बाह्य अंग और उनकी साफ सफाई , शरीर के आंतरिक अंगों की सामान्य जानकारी, संतुलित भोजन की जानकारी और इसका महत्व, सामान्य रोग (आंत्रशोध, अमीबायोसिस, एनीमिया, फ्लोरोसिस, मलेरिया, डेंगू ) उनके कारण और बचाव के उपाय , पल्स पोलियो अभियान।
- : सजीव जगत : पादपों और जंतुओं के संगठन के स्तर, सजीवों में विविधता, राज्य पुष्प, राज्य वृक्ष, राज्य पक्षी, राज्य पशु, संरक्षित वन क्षेत्रों एवं वन्य जीव ( राष्ट्रीय उद्यान, वन्य जीव अभ्यारण्य , बाघ संरक्षित क्षेत्र, विश्व धरोहर ) की जानकारी, पादपों तथा जंतुओं की जातियों का संरक्षण, कृषि पद्धतियां ।
- : जल : जल, वन, नमभूमि और मरुस्थल की मूलभूत जानकारी, विभिन्न प्रकार के प्रदूषण एवं इनका नियंत्रण, जल के गुण , जल के स्रोत, जल प्रबंधन, राजस्थान में कलात्मक जल स्रोत, पेयजल व सिंचाई स्रोत ।
- : हमारी पृथ्वी व अंतरिक्ष : सौर परिवार, भारत के अंतरिक्ष यात्री ।
- : पर्वतारोहण : पर्वतारोहण में कठिनाईयां एवं कम आने वाले औजार, भारत की प्रमुख महिला पर्वतारोही ।
- : पर्यावरण अध्ययन के क्षेत्र एवं संकल्पना : पर्यावरण अध्ययन का महत्व, समाकलित पर्यावरण अध्ययन ,पर्यावरण शिक्षा के अधिगम सिद्धांत ,पर्यावरण अध्ययन का विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान विषयों के साथ अंतर्सम्बन्ध एवं क्षेत्र ।
- : पर्यावरणीय शिक्षाशास्त्र : संकल्पना प्रस्तुतीकरण के उपागम, क्रियाकलाप, प्रयोग / प्रायोगिक कार्य ,चर्चा । समग्र एवं सतत् मूल्यांकन, शिक्षण सामग्री/ सहायक सामग्री, शिक्षण की समस्याएं, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ।
Reet Syllabus 2025 : रीट परीक्षा पैटर्न : लेवल – 2 :
Reet syllabus 2025 : रीट परीक्षा के लिए लेवल 2 में भी कुल 150 प्रश्न 150 अंक के पूंछे जाते है । प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का होता है । जिसमें 30 प्रश्न बाल विकास एवं शिक्षण विधियों के, 30 प्रश्न भाषा प्रथम के ओर 30 प्रश्न भाषा द्वितीय के हल करने होते है । शेष 60 प्रश्न अपनी चुनी हुई विषय के करने होते है । जो व्यक्ति कक्षा 6 से 8 तक सामाजिक अध्ययन का शिक्षक बनना चाहते हैं उन्हें सामाजिक विज्ञान के 60 प्रश्न हल करने होते हैं और जो गणित और विज्ञान का शिक्षक बनना चाहते हैं उन्हें विज्ञान और गणित के 60 प्रश्न हल करने रहते हैं।
Reet syllabus 2025 : Level -2
- बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ : 30 प्रश्न : 30 अंक
- भाषा प्रथम : 30 प्रश्न : 30 अंक ( हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, पंजाबी, सिंधी, गुजराती में से कोई एक )
- भाषा द्वितीय : 30 प्रश्न : 30 अंक ( हिंदी , अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, पंजाबी, सिंधी, गुजराती में से कोई एक )
- गणित और विज्ञान : 60 प्रश्न : 60 अंक ( जो कक्षा 6 से 8 तक विज्ञान और गणित का शिक्षक बनना चाहता है)
- सामाजिक विज्ञान : 60 प्रश्न : 60 अंक ( जो कक्षा 6 से 8 तक सामाजिक अध्ययन का शिक्षक बनना चाहता है )
- कुल प्रश्न : 150 , कुल अंक : 150
Reet Syllabus 2025 : खण्ड ( 1 ) : बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ :
- बाल विकास :- वृद्धि एवं विकास की संकल्पना ,विकास के विभिन्न आयाम एवं सिद्धांत , विकास को प्रभावित करने वाले कारक ( विशेष रूप से परिवार एवं विद्यालय के संदर्भ में) एवं अधिगम से उनका संबंध। वंशानुक्रम एवं वातावरण की भूमिका
- व्यक्तिगत विभिन्नताएं :- अर्थ, प्रकार एवं व्यक्तिगत विभिन्नताओं को प्रभावित करने वाले कारक।
- व्यक्तित्व :- संकल्पना ,प्रकार व व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले कारक। व्यक्तित्व का मापन।
- बुद्धि :- संकल्पना, सिद्धांत एवं इसका मापन बहुबुद्धि सिद्धांत एवं इसके निहितार्थ।
- विविध अधिगमकर्ताओं की समझ : पिछड़े, विमंदित,प्रतिभाशाली, सृजनशील, अलाभान्वित- वंचित, विशेष आवश्यकता वाले बच्चे एवं अधिगम अक्षमता युक्त बच्चे। अधिगम में आने वाली कठिनाइयां ।
- समायोजन की संकल्पना एवं तरीके, समायोजन में अध्यापक की भूमिका ।
- अधिगम का अर्थ एवं संकल्पना। अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक।
- Reet syllabus 2025 : अधिगम के सिद्धांत ( व्यवहारवाद, गैसटाल्टवाद, संज्ञानवाद, निर्मितवाद ) एवं इसके निहितार्थ।
- : बच्चे सीखते कैसे हैं ? अधिगम की प्रक्रियाएं । चिंतन, कल्पना एवं तर्क ( निर्मितवादी उपागम, आनुभविक अधिगम, संकल्पना मानचित्रण, अन्वेषण एवं समस्या समाधान )
- Reet syllabus 2025 : अभिप्रेरणा व इसके अधिगम के लिए निहितार्थ।
- : शिक्षण अधिगम की प्रक्रियाएं ,राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा – 2005 के संदर्भ में शिक्षण अधिगम की व्यूह रचना एवं विधियां।
- : आकलन मापन एवं मूल्यांकन का अर्थ एवं उद्देश्य, समग्र एवं सतत् मूल्यांकन,उपलब्धि परीक्षण का निर्माण। सीखने के प्रतिफल ।
- : क्रियात्मक अनुसंधान
- : शिक्षा का अधिकार अधिनियम -2009 , अध्यापकों की भूमिका एवं दायित्व ।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ( NEP 2020 ) :
- प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा ।
- बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान।
- स्कूलों में पाठ्यक्रम एवं शिक्षण शास्त्र
- शिक्षक
- समतामूलक एवं समावेशी शिक्षा
- स्कूल शिक्षा के लिए मानक निर्धारण एवं प्रत्यापन ।
- : राजस्थान की समसामयिक बाल कल्याणकारी शैक्षिक योजनाएं ।
Reet Syllabus 2025 : खण्ड ( 2 ) : भाषा प्रथम : हिंदी :
( हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत , उर्दू, पंजाबी, सिंधी एवं गुजराती में से कोई एक )
(Reet Syllabus 2025 : हिंदी , भाषा प्रथम )
एक अपठित गद्यांश में से निम्नलिखित व्याकरण संबंधी प्रश्न :
- शब्द ज्ञान – तत्सम, तद्भव, देशज ,विदेशी शब्द ।पर्यायवाची, विलोम , एकार्थी एवं अनेकार्थी शब्द । उपसर्ग, प्रत्यय,संधि और समास। संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, अव्यय । वाक्यांश के लिए एक शब्द, शब्द शुद्धि ।
: एक अपठित गद्यांश में से निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रश्न:
- रेखांकित शब्दों का अर्थ स्पष्ट करना ,वचन, काल ,लिंग ज्ञात करना । वचन, काल और लिंग बदलना, राजस्थानी शब्दों के हिंदी रूप ।
: वाक्य रचना, वाक्य के अंग, वाक्य के प्रकार ,पदबंध, मुहावरे और लोकोक्तियां विराम चिह्न ।
- : भाषा की शिक्षण विधि ,भाषा शिक्षण के उपागम ,भाषा दक्षता का विकास।
- : भाषायी कौशलों का विकास ( सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना ) हिंदी भाषा शिक्षण में चुनौतियां, शिक्षण अधिगम सामग्री, पाठ पुस्तक , बहु – माध्यम एवं शिक्षण के अन्य संसाधन ।
- : भाषा शिक्षण में मूल्यांकन, उपलब्धि परीक्षण का निर्माण, समग्र एवं सतत् मूल्यांकन, उपचारात्मक शिक्षण ।
- : राजस्थानी भाषा एवं साहित्य की सामान्य जानकारी ।
Reet Syllabus 2025 : खण्ड ( 3 ) : भाषा द्वितीय : English :
( हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत , उर्दू, पंजाबी, सिंधी एवं गुजराती में से कोई एक )
( Reet Syllabus 2025 : English language 2 )
- Unseen Prose Passages : Linking Devises, Subject -verb Concord, Inferences
- Unseen Poem : Identification of Alliteration,Simile, Metaphor, Personification,Assonance, Rhyme
- Modal Auxiliaries, Common Idioms and Phrases, Literary Terms Elegy, Sonnet, Short Story , Drama
- Basic Knowledge of English Sounds and symbols.
- Principal’s of Teaching English, Communicative Approach to English Language, Teaching, Challanges of Teaching English : Difficulties in Learning English ( role of home language, multilingualism)
- Methods of Evaluation, Remedial Teaching
Note :- reet syllabus 2025 में हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत , उर्दू, पंजाबी, सिंधी एवं गुजराती में से किसी एक भाषा को भाषा प्रथम के रूप में तथा इन्हीं भाषाओं में से किसी एक भाषा की भाषा द्वितीय के रूप में चुनना होता है लेकिन हम यह सभी भाषाओं का सिलेबस नहीं लिख रहे । अधिक जानकारी के लिए बोर्ड की ऑफिशियल http://rajeduboard.rajasthan.gov.in वेबसाइट विजिट करें ।
Reet Syllabus 2025 : खण्ड ( 4 ): गणित और विज्ञान :-
Reet syllabus 2025 : गणित :-
- घातांक और घात : समान आधार की घातीय संख्याओं का गुणा तथा भाग, घातांक के नियम ।
- बीजीय व्यंजक : बीजीय व्यंजकों का योग, व्यवकलन, गुणा तथा भाग, सर्वसमिकाएं ।
- गुणनखंड : सरल बीजीय व्यंजकों के गुड़नखंड।
- समीकरण : एक चर वाले रैखिक समीकरण ।
- वर्ग और वर्गमूल
- घन और घनमूल
- दशमलव
- परिमेय संख्याएं
- ब्याज : सरल ब्याज, चक्रवृद्धि ब्याज, लाभ – हानि ।
- अनुपात एवं समानुपात : समानुपाती भागों में विभाजन, भिन्न।
- प्रतिशतता, दर, वृद्धि एवं ह्रास
- रेखा, किरण तथा कोण, रेखाखण्ड, सरल एवं वक्र रेखाएं, कोणों के प्रकार ।
- समतलीय आकृतियां : त्रिभुज, त्रिभुजों की सर्वांगसमता, चतुर्भुज तथा वृत्त, बहुभुज
- समतलीय आकृतियों का क्षेत्रफल एवं परिमाप : त्रिभुज, आयत, समांतर चतुर्भुज एवं समलंब चतुर्भुज ।
- पृष्ठीय क्षेत्रफल तथा आयतन : घन, घनाभ एवं लम्बवृत्तीय बेलन
- सममिति
- Reet syllabus 2025 : सांख्यिकी : आंकड़ों का संग्रह एवं वर्गीकरण, बारंबारता बंटन सारिणी , मिलन चिह्न, स्तंभ ( बार ) लेखाचित्र एवं आयात लेखाचित्र, वृत्तीय ग्राफ ( पाई चार्ट )
- लेखाचित्र ( ग्राफ ) : विभिन्न प्रकार के लेखाचित्र
- प्रायिकता
- गणित की प्रकृति एवं तर्क शक्ति
- पाठ्यक्रम में गणित की महत्ता
- गणित की भाषा
- सामुदायिक गणित
- मूल्यांकन
- उपचारात्मक शिक्षण
- शिक्षण की समस्याएं ।
Reet syllabus 2025 : विज्ञान :
- सजीव एवं निर्जीव : परिचय, अंतर एवं लक्षण।
- सूक्ष्म जीव : जीवाणु, वायरस, कवक ( लाभकारी एवं अलाभकारी )
- सजीव : पौधे के प्रकार एवं विभिन्न भाग , पादपों में पोषण, श्वसन एवं उत्सर्जन, पादप ओर जंतु कोशिकाओं की संरचना और कार्य, पादपों में जनन, प्राणियों में पोषण शरीर में गति ।
- मानव शरीर एवं स्वास्थ्य : सूक्ष्म जीवों से फैलने वाले रोग ( क्षय रोग, खसरा, डिप्थीरिया, हैजा, टाइफाइड ) रोगों से बचाव के उपाय, मानव शरीर के विभिन्न तंत्र, संक्रामक रोग ( फैलने के कारण ओर बचाव) , भोजन के स्त्रोत, भोजन के प्रमुख अवयव ओर इनकी कमी से होने वाले रोग, संतुलित भोजन ।
- जंतु प्रजनन एवं किशोरावस्था : जनन की विधियां : लैंगिक एवं अलैंगिक, किशोरावस्था एवं यौवनारंभ : शारीरिक परिवर्तन, जनन में हार्मोंस की भूमिका, जननात्मक स्वास्थ्य।
- यांत्रिकी : बल एवं गति, बलों के प्रकार ( पेशीय बल, घर्षण बल, गुरुत्व बल, चुंबकीय बल , स्थिर वैद्युत बल आदि ), गति के प्रकार ( रेखीय, वृत्ताकार, कंपन्न, आवर्त एवं घूर्णन गति ), दाब, वायुमंडलीय दाब।
- ऊर्जा : ऊर्जा के परंपरागत एवं वैकल्पिक स्रोत, ऊर्जा संरक्षण ।
- ताप एवं ऊष्मा : ताप एवं ऊष्मा का अभिप्राय, तापमापी, ऊष्मा संचरण।
- प्रकाश एवं ध्वनि : प्रकाश के स्रोत, प्रकाश का परावर्तन, गोलीय दर्पण, समतल दर्पण व गोलीय दर्पण से प्रतिबिंब बनना, प्रकाश का अपवर्तन, लैंस एवं लैंस से प्रतिबिंब का निर्माण, ध्वनि, ध्वनि के अभिलक्षण, ध्वनि संचरण, ध्वनि प्रदूषण ।
- विद्युत एवं चुंबकत्व : विद्युत धारा, विद्युत परिपथ, विद्युत धारा के ऊष्मीय, चुंबकीय एवं रासायनिक प्रभाव , चुंबक एवं चुंबकत्व ।
- प्राकृतिक घटनाएं : तड़ित भूकंप ।
- Reet syllabus 2025 :पदार्थ की संरचना : परमाणु एवं अणु, परमाणु की संरचना ; तत्व, यौगिक और मिश्रण ; पदार्थों के गुण, पदार्थों का पृथक्करण, तत्वों के प्रतीक, योगिकों के रासायनिक सूत्र तथा रासायनिक समीकरण, भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन।
- रासायनिक पदार्थ : ऑक्साइड, अम्ल, क्षार और लवण, ऑक्सीजन गैस, नाइट्रोजन गैस, नाइट्रोजन चक्र, हाइड्रोकार्बन ( सामान्य जानकारी ), कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस, दहन एवं ज्वाला ।
- पौधों एवं जंतुओं का संरक्षण : वनोन्मूलन, हरितगृह प्रभाव और वैश्विक तापन, संकटापन्न प्रजाति, वन्य प्राणी अभ्यारण्य, राष्ट्रीय उद्यान।
- कृषि प्रबंधन : कृषि पद्धतियां, फसलों के प्रकार एवं उदाहरण।
- विज्ञान की संरचना एवं प्रकृति : प्राकृतिक विज्ञान : लक्ष्य एवं उद्देश्य, प्राकृतिक संसाधन, पर्यावरण, प्रदूषण व नियंत्रण, जैव विविधता, अनुकूलन, कचरा प्रबंधन ।
- विज्ञान को समझना ।
- विज्ञान की शिक्षण विधियां।
- नवाचार
- पाठ्य सामग्री / सहायक सामग्री
- मूल्यांकन
- शिक्षण की समस्याएं
- उपचारात्मक शिक्षण
Reet Syllabus 2025 : खण्ड (4 b ) : सामाजिक अध्ययन :
- भारतीय सभ्यता , संस्कृति एवं समाज : सिंधु घाटी सभ्यता , वैदिक संस्कृति , जैन एवं बौद्ध धर्म, महाजनपदकाल।
- मौर्य तथा गुप्त साम्राज्य एवं गुप्तोत्तर काल : राजनीतिक इतिहास और प्रशासन, अर्थव्यवस्था ,साहित्य एवं स्थापत्य, भारतीय संस्कृति के प्रति योगदान, भारत 600 – 1000 ईस्वी. वृहत्तर भारत।
- मध्यकाल एवं आधुनिक काल : चोल साम्राज्य, भक्ति और सूफी आंदोलन, मुगल राजपूत संबंध ;मुगल प्रशासन, मध्यकालीन अर्थव्यवस्था एवं स्थापत्य कला। भारतीय राज्यों के प्रति ब्रिटिश नीति, 1857 का विद्रोह, भारतीय अर्थव्यवस्था पर ब्रिटिश प्रभाव, पुनर्जागरण एवं सामाजिक सुधार, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन ( 1885- 1947 )
- Reet syllabus 2025 भारतीय संविधान एवं लोकतंत्र : भारतीय संविधान का निर्माण एवं विशेषताएं, उद्देशिका, मूल अधिकार एवं मूल कर्त्तव्य, कानून एवं सामाजिक न्याय, लिंग बोध ( जेंडर परसेप्शन ) बाल अधिकार व बाल संरक्षण, लोकतंत्र में निर्वाचन एवं मतदाता जागरूकता।
- सरकार : गठन एवं कार्य : संसद, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद , राज्य सरकार, पंचायती राज एवं नगरीय स्व – शासन ( राजस्थान के विशेष संदर्भ में) ,जिला प्रशासन, न्याय पालिका।
- पृथ्वी एवं हमारा पर्यावरण :- सौर मण्डल, अक्षांश, देशांतर, पृथ्वी की गतियां, वायुदाब एवं पवनें, चक्रवात एवं प्रति चक्रवात, महासागरीय परिसंचरण, ज्वालामुखी, भूकम्प, पृथ्वी के मुख्य जलवायु कटिबंध, पृथ्वी के प्रमुख परिमण्डल, पर्यावरणीय समस्याएं एवं समाधान।
- भारत का भूगोल एवं संसाधन:- भू – आकृति, प्रदेश, जलवायु, प्राकृतिक वनस्पति, वन्य जीवन, मृदा, कृषि फसलें, उद्योग,खनिज, जनसंख्या,मानव संसाधन, विकास के आर्थिक एवं सामाजिक कार्यक्रम।
- राजस्थान का भूगोल एवं संसाधन :- भौतिक प्रदेश, जलवायु एवं अपवाह प्रणाली, झीलें, मृदा, जल संरक्षण एवं संग्रहण,कृषि फसलें, खनिज एवं ऊर्जा संसाधन, राजस्थान की प्रमुख नहरें एवं नदी घाटी परियोजनाएं, परिवहन, उद्योग एवं जनसंख्या, पर्यटन स्थल, वन एवं वन्य जीवन ।
- राजस्थान का इतिहास :- प्राचीन सभ्यताएं एवं जनपद, राजस्थान के प्रमुख राजवंशों का इतिहास, 1857 की क्रांति में राजस्थान का योगदान, राजस्थान में प्रजामण्डल जनजातीय व किसान आंदोलन, राजस्थान का एकीकरण, राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व।
- राजस्थान की कला एवं संस्कृति:- राजस्थान की विरासत + दुर्ग, महल, स्मारक ) राजस्थान के मेले, त्योहार एवं लोक कलाएं, राजस्थान की चित्रकला, राजस्थान के लोक नृत्य एवं लोक नाट्य, लोकदेवता, लोक संत , लोक संगीत एवं संगीत वाद्य यंत्र, राजस्थान की हस्तकला एवं स्थापत्य कला, राजस्थान की वेशभूषा एवं आभूषण, राजस्थान की भाषा एवं साहित्य।
- शिक्षाशास्त्रीय मुद्दे -1 :- सामाजिक विज्ञान / सामाजिक अध्ययन की संकल्पना एवं प्रकृति; कक्षा कक्ष की प्रक्रियाएं, क्रियाकलाप एवं विमर्श; सामाजिक विज्ञान/ सामाजिक अध्ययन के अध्यापन की समस्याएं ; समालोचनात्मक चिंतन का विकास;
- शिक्षाशास्त्रीय मुद्दे – 2 :- पृच्छा/ आनुभाविक साक्ष्य, शिक्षण अधिगम सामग्री एवं सहायक सामग्री, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, प्रायोजना कार्य, सीखने के प्रतिफल, मूल्यांकन ।
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